वापसी आदेश पर हाईकोर्ट की रोक, शिक्षकों को मिली बड़ी राहत
वापसी आदेश पर हाईकोर्ट की रोक: शिक्षकों को मिली बड़ी राहत
Labels: बेसिक शिक्षा, शिक्षक समायोजन, हाईकोर्ट आदेश, उत्तर प्रदेश
प्रदेश के परिषद शिक्षकों के समायोजन से जुड़ा मामला अब नया मोड़ ले चुका है। हाईकोर्ट ने समायोजित शिक्षकों को राहत देते हुए उन पर जारी वापसी आदेशों पर फिलहाल रोक लगा दी है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस पूरी प्रक्रिया में शिक्षकों की कोई गलती नहीं है, क्योंकि उन्होंने विभागीय आदेशों के अनुसार ही कार्य किया है।
जुलाई 2025 में प्रदेशभर के हजारों शिक्षकों का समायोजन विभाग द्वारा किया गया था। बेसिक शिक्षा सचिव द्वारा जारी सूची के आधार पर शिक्षकों को पुराने विद्यालय से कार्यमुक्त कर सक्षम अधिकारियों ने उन्हें नए विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण कराया था। इस दौरान कुछ विद्यालयों में शिक्षक कार्यमुक्त होने के बाद एकल शिक्षक विद्यालय (Single Teacher School) बनने की स्थिति पैदा हो गई थी। हालांकि विभाग ने बाद में स्पष्ट किया कि कई विद्यालयों में शिक्षामित्र भी कार्यरत हैं, इसलिए उन्हें पूर्णतः एकल नहीं माना जा सकता।
समायोजित शिक्षक पिछले चार माह से अपने नए विद्यालयों में नियमित शिक्षण कार्य कर रहे थे। लेकिन कुछ जिलों में ऐसे मामलों में, जहाँ पुराने विद्यालय एकल हो गए, वहाँ के शिक्षकों ने वापसी के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसके बाद कुछ जिलों में बीएसए कार्यालयों से समायोजित शिक्षकों की वापसी के आदेश जारी कर दिए गए, जबकि बेसिक शिक्षा सचिव की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं था।
इन आदेशों के खिलाफ समायोजित शिक्षकों ने भी हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की और कहा कि वापसी से न केवल छात्रों की शिक्षा प्रभावित होगी बल्कि शिक्षकों का मानसिक व पारिवारिक नुकसान भी होगा, क्योंकि वे पहले ही अपने परिवार समेत नए स्थान पर स्थानांतरित हो चुके हैं।
हाईकोर्ट ने 3 नवंबर 2025 को हुई सुनवाई में शिक्षकों के पक्ष में अंतरिम राहत देते हुए वापसी आदेशों पर अस्थायी रोक (Stay Order) लगा दी है। न्यायालय ने यह भी माना कि पूर्व में भी कई विद्यालय ऐसे हैं जहाँ सहायक अध्यापक के साथ एक या अधिक शिक्षामित्र कार्यरत हैं, इसलिए उन्हें पूर्ण रूप से एकल विद्यालय नहीं कहा जा सकता।
अदालत के इस आदेश से प्रदेशभर के समायोजित शिक्षकों को फिलहाल बड़ी राहत मिली है। अब मामले की अगली सुनवाई में यह स्पष्ट होगा कि क्या विभाग वापसी आदेशों को स्थायी रूप से निरस्त करेगा या नहीं।
Source: Court Order Update | 03 November 2025
वापसी आदेश पर हाईकोर्ट की रोक: शिक्षकों को मिली बड़ी राहत
Labels: बेसिक शिक्षा, शिक्षक समायोजन, हाईकोर्ट आदेश, उत्तर प्रदेश
प्रदेश के परिषद शिक्षकों के समायोजन से जुड़ा मामला अब नया मोड़ ले चुका है। हाईकोर्ट ने समायोजित शिक्षकों को राहत देते हुए उन पर जारी वापसी आदेशों पर फिलहाल रोक लगा दी है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस पूरी प्रक्रिया में शिक्षकों की कोई गलती नहीं है, क्योंकि उन्होंने विभागीय आदेशों के अनुसार ही कार्य किया है।
जुलाई 2025 में प्रदेशभर के हजारों शिक्षकों का समायोजन विभाग द्वारा किया गया था। बेसिक शिक्षा सचिव द्वारा जारी सूची के आधार पर शिक्षकों को पुराने विद्यालय से कार्यमुक्त कर सक्षम अधिकारियों ने उन्हें नए विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण कराया था। इस दौरान कुछ विद्यालयों में शिक्षक कार्यमुक्त होने के बाद एकल शिक्षक विद्यालय (Single Teacher School) बनने की स्थिति पैदा हो गई थी। हालांकि विभाग ने बाद में स्पष्ट किया कि कई विद्यालयों में शिक्षामित्र भी कार्यरत हैं, इसलिए उन्हें पूर्णतः एकल नहीं माना जा सकता।
समायोजित शिक्षक पिछले चार माह से अपने नए विद्यालयों में नियमित शिक्षण कार्य कर रहे थे। लेकिन कुछ जिलों में ऐसे मामलों में, जहाँ पुराने विद्यालय एकल हो गए, वहाँ के शिक्षकों ने वापसी के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसके बाद कुछ जिलों में बीएसए कार्यालयों से समायोजित शिक्षकों की वापसी के आदेश जारी कर दिए गए, जबकि बेसिक शिक्षा सचिव की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं था।
इन आदेशों के खिलाफ समायोजित शिक्षकों ने भी हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की और कहा कि वापसी से न केवल छात्रों की शिक्षा प्रभावित होगी बल्कि शिक्षकों का मानसिक व पारिवारिक नुकसान भी होगा, क्योंकि वे पहले ही अपने परिवार समेत नए स्थान पर स्थानांतरित हो चुके हैं।
हाईकोर्ट ने 3 नवंबर 2025 को हुई सुनवाई में शिक्षकों के पक्ष में अंतरिम राहत देते हुए वापसी आदेशों पर अस्थायी रोक (Stay Order) लगा दी है। न्यायालय ने यह भी माना कि पूर्व में भी कई विद्यालय ऐसे हैं जहाँ सहायक अध्यापक के साथ एक या अधिक शिक्षामित्र कार्यरत हैं, इसलिए उन्हें पूर्ण रूप से एकल विद्यालय नहीं कहा जा सकता।
अदालत के इस आदेश से प्रदेशभर के समायोजित शिक्षकों को फिलहाल बड़ी राहत मिली है। अब मामले की अगली सुनवाई में यह स्पष्ट होगा कि क्या विभाग वापसी आदेशों को स्थायी रूप से निरस्त करेगा या नहीं।
Source: Court Order Update | 03 November 2025



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