सरकार जल्द लागू करेगी शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था, दूर-दराज तैनात शिक्षकों में बढ़ी चिंता

सरकार जल्द लागू करेगी शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था, दूर-दराज तैनात शिक्षकों में बढ़ी चिंता

बेसिक शिक्षा विभाग अब शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने जा रहा है। विभाग ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मोबाइल ऐप या वेब पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य किया जाएगा।

इस नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी ज़ोरों पर है, लेकिन इससे शिक्षकों में चिंता और असंतोष बढ़ गया है। विशेष रूप से वे शिक्षक जो घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर दूसरे जिलों में वर्षों से तैनात हैं, उनके लिए यह नई व्यवस्था एक और बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है।

कई विद्यालय सुदूर ग्रामीण इलाकों में हैं जहाँ सड़क, नेटवर्क और परिवहन की सुविधा बेहद सीमित है। शिक्षकों को रोज़ लंबी दूरी तय करनी पड़ती है — कभी कीचड़ भरे रास्तों से, तो कभी बारिश और जलभराव के बीच से होकर। ऐसे में हर दिन मोबाइल ऐप से उपस्थिति दर्ज करना न केवल कठिन है, बल्कि कई बार तकनीकी रूप से असंभव साबित हो रहा है।

ऐप में दिए गए अनुपस्थित रहने के कारण:

  • आकस्मिक स्वास्थ्य खराब होना या दुर्घटना
  • अत्यधिक वर्षा
  • मार्ग में जलभराव
  • वाहन में समस्या
  • अन्य

शिक्षकों का कहना है कि ऐप में ये विकल्प सही ढंग से काम नहीं करते, और नेटवर्क समस्या के कारण उपस्थिति दर्ज न होने पर उन्हें अनुचित रूप से अनुपस्थित दिखा दिया जाता है

शिक्षक संघों का कहना है कि सरकार को ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था लागू करने से पहले ग्रामीण इलाकों की वास्तविक परिस्थितियों को ध्यान में रखना चाहिए। कई शिक्षक वर्षों से परिवार से दूर सेवा दे रहे हैं और अब यह नई प्रणाली उनके लिए मानसिक दबाव और असुविधा का कारण बन सकती है।

शिक्षकों ने मांग की है कि इस प्रणाली को लागू करने से पहले तकनीकी परीक्षण और वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि सेवा देने वाले शिक्षकों को परेशानी न उठानी पड़े।

सरकार जल्द लागू करेगी शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था, दूर-दराज तैनात शिक्षकों में बढ़ी चिंता

बेसिक शिक्षा विभाग अब शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने जा रहा है। विभाग ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मोबाइल ऐप या वेब पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य किया जाएगा।

इस नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी ज़ोरों पर है, लेकिन इससे शिक्षकों में चिंता और असंतोष बढ़ गया है। विशेष रूप से वे शिक्षक जो घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर दूसरे जिलों में वर्षों से तैनात हैं, उनके लिए यह नई व्यवस्था एक और बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है।

कई विद्यालय सुदूर ग्रामीण इलाकों में हैं जहाँ सड़क, नेटवर्क और परिवहन की सुविधा बेहद सीमित है। शिक्षकों को रोज़ लंबी दूरी तय करनी पड़ती है — कभी कीचड़ भरे रास्तों से, तो कभी बारिश और जलभराव के बीच से होकर। ऐसे में हर दिन मोबाइल ऐप से उपस्थिति दर्ज करना न केवल कठिन है, बल्कि कई बार तकनीकी रूप से असंभव साबित हो रहा है।

ऐप में दिए गए अनुपस्थित रहने के कारण:

  • आकस्मिक स्वास्थ्य खराब होना या दुर्घटना
  • अत्यधिक वर्षा
  • मार्ग में जलभराव
  • वाहन में समस्या
  • अन्य

शिक्षकों का कहना है कि ऐप में ये विकल्प सही ढंग से काम नहीं करते, और नेटवर्क समस्या के कारण उपस्थिति दर्ज न होने पर उन्हें अनुचित रूप से अनुपस्थित दिखा दिया जाता है

शिक्षक संघों का कहना है कि सरकार को ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था लागू करने से पहले ग्रामीण इलाकों की वास्तविक परिस्थितियों को ध्यान में रखना चाहिए। कई शिक्षक वर्षों से परिवार से दूर सेवा दे रहे हैं और अब यह नई प्रणाली उनके लिए मानसिक दबाव और असुविधा का कारण बन सकती है।

शिक्षकों ने मांग की है कि इस प्रणाली को लागू करने से पहले तकनीकी परीक्षण और वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि सेवा देने वाले शिक्षकों को परेशानी न उठानी पड़े।

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