सीतापुर बीएसए बेल्टकांड: परवाना देर से पहुंचा, शिक्षक की रिहाई आज हो सकती है

सीतापुर बीएसए बेल्टकांड: परवाना देर से पहुंचा, शिक्षक की रिहाई आज हो सकती है

सीतापुर बीएसए बेल्टकांड: परवाना देर से पहुंचा, शिक्षक की रिहाई आज हो सकती है

प्रकाशित: · स्रोत पब्लिशर: Siksha Samachar

सीतापुर: जिले के चर्चित बीएसए बेल्टकांड में आरोपी शिक्षक बृजेंद्र वर्मा की रिहाई बुधवार को नहीं हो सकी, क्यूँकि अदालत से जारी रिहाई परवाना जेल तक एक घंटे देरी से पहुँचा। अधिकारियों के अनुसार गुरुवार सुबह रिहाई की संभावना बनी हुई है।

मामले का संक्षिप्त परिचय

रिपोर्टों के अनुसार 23 सितंबर को शिक्षक ने बीएसए के एक अधिकारी पर मौके पर बेल्ट से हमला किया था। घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया। बाद में जांच शुरू हुई और जानलेवा हमले से संबंधित साक्ष्यों के अभाव के कारण कुछ गंभीर धाराएँ हटाई गईं।

रिहाई में देरी का कारण

न्यायालय ने जमानत मंजूर की थी, लेकिन बेल्ट-बांड से जुड़ा सत्यापन और कोर्ट शेड्यूल के कारण बेल बॉन्ड/परवाना जेल तक देरी से पहुँचा। जेल मैनुअल के अनुसार यदि परवाना निर्धारित समय के बाद पहुंचता है तो रिहाई अगले कार्यदिवस पर ही सम्भव होती है — यही वजह है कि बुधवार को रिहाई नहीं हो सकी।

जेल अधीक्षक के बयान के अनुसार सभी औपचारिकताएँ पूरी की जा रही हैं और तकनीकी/प्रशासनिक अड़चन न रहने पर गुरुवार सुबह रिहाई संभव है।

अगला कदम

यदि कोई नवीन अड़चन नहीं आती है, तो संबंधित प्राधिकरण गुरुवार को रिहाई की प्रक्रिया पूर्ण कर देंगे। वे लोग जो इस मामले को नज़दीक से देख रहे हैं वे सुबह के अध्यायन के बाद अंतिम स्थिति की पुष्टि कर सकते हैं।

अस्वीकरण: यह लेख उपलब्ध समाचार स्रोतों व मीडिया इनपुट पर आधारित है। अंतिम और आधिकारिक जानकारी केवल संबंधित न्यायालय या विभागीय घोषणा पर मान्य होगी।

© Siksha Samachar · सर्वाधिकार सुरक्षित

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सीतापुर: जिले के चर्चित बीएसए बेल्टकांड में आरोपी शिक्षक बृजेंद्र वर्मा की रिहाई बुधवार को नहीं हो सकी, क्यूँकि अदालत से जारी रिहाई परवाना जेल तक एक घंटे देरी से पहुँचा। अधिकारियों के अनुसार गुरुवार सुबह रिहाई की संभावना बनी हुई है।

मामले का संक्षिप्त परिचय

रिपोर्टों के अनुसार 23 सितंबर को शिक्षक ने बीएसए के एक अधिकारी पर मौके पर बेल्ट से हमला किया था। घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया। बाद में जांच शुरू हुई और जानलेवा हमले से संबंधित साक्ष्यों के अभाव के कारण कुछ गंभीर धाराएँ हटाई गईं।

रिहाई में देरी का कारण

न्यायालय ने जमानत मंजूर की थी, लेकिन बेल्ट-बांड से जुड़ा सत्यापन और कोर्ट शेड्यूल के कारण बेल बॉन्ड/परवाना जेल तक देरी से पहुँचा। जेल मैनुअल के अनुसार यदि परवाना निर्धारित समय के बाद पहुंचता है तो रिहाई अगले कार्यदिवस पर ही सम्भव होती है — यही वजह है कि बुधवार को रिहाई नहीं हो सकी।

जेल अधीक्षक के बयान के अनुसार सभी औपचारिकताएँ पूरी की जा रही हैं और तकनीकी/प्रशासनिक अड़चन न रहने पर गुरुवार सुबह रिहाई संभव है।

अगला कदम

यदि कोई नवीन अड़चन नहीं आती है, तो संबंधित प्राधिकरण गुरुवार को रिहाई की प्रक्रिया पूर्ण कर देंगे। वे लोग जो इस मामले को नज़दीक से देख रहे हैं वे सुबह के अध्यायन के बाद अंतिम स्थिति की पुष्टि कर सकते हैं।

अस्वीकरण: यह लेख उपलब्ध समाचार स्रोतों व मीडिया इनपुट पर आधारित है। अंतिम और आधिकारिक जानकारी केवल संबंधित न्यायालय या विभागीय घोषणा पर मान्य होगी।

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