सपोर्टिव सुपरविजन हेतु महत्वपूर्ण बिंदु — शिक्षक डायरी, समय सारिणी व मूल्यांकन कार्य पर विशेष बल

📌 सपोर्टिव सुपरविजन हेतु महत्वपूर्ण बिंदु — प्राथमिक स्तर के लिए दिशा-निर्देश

लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शिक्षकों के लिए सपोर्टिव सुपरविजन के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें शिक्षक डायरी, समय सारिणी, मासिक पाठ्यक्रम, मूल्यांकन कार्य और ICT उपकरणों के प्रभावी उपयोग पर विशेष बल दिया गया है।

🔹 प्राथमिक स्तर हेतु प्रमुख बिंदु

  • कक्षा आवंटन एवं समयसारिणी विद्यालय में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाए।
  • समयसारिणी, संदर्शिका एवं मासिक पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षक डायरी का लेखन और पालन सुनिश्चित किया जाए।
  • भाषा एवं गणित विषयों में शिक्षक संदर्शिका आधारित शिक्षण कार्य निर्धारित ट्रैकर के अनुसार पूर्ण किया जाए।
  • मासिक पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षण गतिविधियाँ और उनका मूल्यांकन नियमित रूप से किया जाए।
  • आकलन और समूह विभाजन के अनुसार उपचारात्मक शिक्षण संचालित किया जाए।
  • निपुण तालिका का नियमित अद्यतन किया जाए।
  • TLM और गणित किट का शिक्षण में उपयोग बढ़ाया जाए।
  • मासिक पाठ्यक्रम का समय पर पूर्ण पालन किया जाए।
  • प्रतिमाह NIPUN Plus App पर विद्यार्थियों का आकलन दर्ज किया जाए।
  • ICT उपकरणों, दीक्षा ऐप एवं डिजिटल कंटेंट का शिक्षण में प्रयोग किया जाए।

इन बिंदुओं का उद्देश्य विद्यालयों में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को व्यवस्थित, परिणाममुखी और विद्यार्थियों की जरूरतों के अनुरूप बनाना है। यह पहल शिक्षकों के कार्य निष्पादन और निगरानी प्रक्रिया को सशक्त करेगी।

📌 सपोर्टिव सुपरविजन हेतु महत्वपूर्ण बिंदु — प्राथमिक स्तर के लिए दिशा-निर्देश

लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शिक्षकों के लिए सपोर्टिव सुपरविजन के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें शिक्षक डायरी, समय सारिणी, मासिक पाठ्यक्रम, मूल्यांकन कार्य और ICT उपकरणों के प्रभावी उपयोग पर विशेष बल दिया गया है।

🔹 प्राथमिक स्तर हेतु प्रमुख बिंदु

  • कक्षा आवंटन एवं समयसारिणी विद्यालय में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाए।
  • समयसारिणी, संदर्शिका एवं मासिक पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षक डायरी का लेखन और पालन सुनिश्चित किया जाए।
  • भाषा एवं गणित विषयों में शिक्षक संदर्शिका आधारित शिक्षण कार्य निर्धारित ट्रैकर के अनुसार पूर्ण किया जाए।
  • मासिक पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षण गतिविधियाँ और उनका मूल्यांकन नियमित रूप से किया जाए।
  • आकलन और समूह विभाजन के अनुसार उपचारात्मक शिक्षण संचालित किया जाए।
  • निपुण तालिका का नियमित अद्यतन किया जाए।
  • TLM और गणित किट का शिक्षण में उपयोग बढ़ाया जाए।
  • मासिक पाठ्यक्रम का समय पर पूर्ण पालन किया जाए।
  • प्रतिमाह NIPUN Plus App पर विद्यार्थियों का आकलन दर्ज किया जाए।
  • ICT उपकरणों, दीक्षा ऐप एवं डिजिटल कंटेंट का शिक्षण में प्रयोग किया जाए।

इन बिंदुओं का उद्देश्य विद्यालयों में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को व्यवस्थित, परिणाममुखी और विद्यार्थियों की जरूरतों के अनुरूप बनाना है। यह पहल शिक्षकों के कार्य निष्पादन और निगरानी प्रक्रिया को सशक्त करेगी।

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