वेतन रोकने से शिक्षक ने ली दवा की ओवरडोज, शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप

इटवा ब्लॉक के भदोखर विद्यालय के शिक्षक ने ली दवा की ओवरडोज, वेतन न मिलने से थे परेशान

सिद्धार्थनगर (इटवा): जिले के इटवा ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय भदोखर में तैनात एक शिक्षक ने बुधवार रात दवा की ओवरडोज लेकर आत्महत्या का प्रयास किया। बताया जा रहा है कि शिक्षक कई महीनों से वेतन न मिलने के कारण मानसिक रूप से परेशान थे।

जानकारी के अनुसार, विद्यालय में बच्चों के आधार कार्ड अपडेट न होने के कारण कुल छह शिक्षकों का वेतन बीएसए कार्यालय द्वारा रोका गया था। बाद में कुछ शिक्षकों का वेतन जारी कर दिया गया, लेकिन संबंधित शिक्षक का वेतन अभी तक नहीं मिला था। विभाग में कई बार आवेदन देने और चक्कर लगाने के बावजूद जब सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने यह कदम उठाया।

बुधवार देर रात शिक्षक ने कमरे में रखी दवाओं की अधिक मात्रा ले ली। परिजनों ने जब देखा तो तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ चिकित्सकों की देखरेख में इलाज चल रहा है।

घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है जो पूरे प्रकरण की जांच करेगी।

विभागीय सूत्रों के अनुसार, तकनीकी कारणों से कुछ शिक्षकों का वेतन रोका गया था। समस्या के समाधान के बाद शीघ्र ही भुगतान जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में इस तरह की स्थिति दोबारा न बने, इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।

उधर, शिक्षक संगठनों ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और विभाग से सभी शिक्षकों का लंबित वेतन तुरंत जारी करने की मांग की है।

स्रोत: स्थानीय संवाददाता / समाचार पत्र रिपोर्ट

इटवा ब्लॉक के भदोखर विद्यालय के शिक्षक ने ली दवा की ओवरडोज, वेतन न मिलने से थे परेशान

सिद्धार्थनगर (इटवा): जिले के इटवा ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय भदोखर में तैनात एक शिक्षक ने बुधवार रात दवा की ओवरडोज लेकर आत्महत्या का प्रयास किया। बताया जा रहा है कि शिक्षक कई महीनों से वेतन न मिलने के कारण मानसिक रूप से परेशान थे।

जानकारी के अनुसार, विद्यालय में बच्चों के आधार कार्ड अपडेट न होने के कारण कुल छह शिक्षकों का वेतन बीएसए कार्यालय द्वारा रोका गया था। बाद में कुछ शिक्षकों का वेतन जारी कर दिया गया, लेकिन संबंधित शिक्षक का वेतन अभी तक नहीं मिला था। विभाग में कई बार आवेदन देने और चक्कर लगाने के बावजूद जब सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने यह कदम उठाया।

बुधवार देर रात शिक्षक ने कमरे में रखी दवाओं की अधिक मात्रा ले ली। परिजनों ने जब देखा तो तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ चिकित्सकों की देखरेख में इलाज चल रहा है।

घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है जो पूरे प्रकरण की जांच करेगी।

विभागीय सूत्रों के अनुसार, तकनीकी कारणों से कुछ शिक्षकों का वेतन रोका गया था। समस्या के समाधान के बाद शीघ्र ही भुगतान जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में इस तरह की स्थिति दोबारा न बने, इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।

उधर, शिक्षक संगठनों ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और विभाग से सभी शिक्षकों का लंबित वेतन तुरंत जारी करने की मांग की है।

स्रोत: स्थानीय संवाददाता / समाचार पत्र रिपोर्ट

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