TET पर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई पुनर्विचार याचिका hindustan report

 लखनऊ, 17 सितम्बर 2025: सुप्रीम कोर्ट द्वारा सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी (Teacher Eligibility Test) अनिवार्य करने के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। सरकार का कहना है कि पहले से नियुक्त शिक्षकों पर यह नियम लागू करना व्यावहारिक नहीं है और इससे हजारों शिक्षकों की नौकरी पर संकट आ सकता है।


📌 Source: Hindustan Newspaper (17 सितम्बर 2025)


📌 पृष्ठभूमि: 13 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि प्रदेश में सभी शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य होगा। इस फैसले से कार्यरत शिक्षकों में चिंता बढ़ गई थी और संगठनों ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी।


⚖️ सरकार की दलील: सेवा में कार्यरत शिक्षकों ने नियुक्ति के समय सभी योग्यताएं पूरी की थीं, इसलिए अब नए नियम थोपना अनुचित है। राज्य ने कोर्ट से आदेश पर पुनर्विचार कर राहत देने की मांग की है।


👩‍🏫 शिक्षकों की उम्मीदें: प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षक इस याचिका को लेकर आशान्वित हैं। उनका कहना है कि अगर कोर्ट पुनर्विचार करता है तो उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी और शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं होगा।


🚨 आगे क्या: सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगा। फैसला आने तक शिक्षकों और अभ्यर्थियों की निगाहें कोर्ट पर टिकी रहेंगी। यह मामला प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और भर्ती प्रक्रिया पर बड़ा असर डाल सकता है।



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📝 Disclaimer


यह समाचार मीडिया रिपोर्ट्स और अखबारों पर आधारित है। अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ही लिया जाएगा। जैसे ही आधिकारिक आदेश या कोर्ट का फैसला आता है, आर्टिकल अपडेट कर दिया जाएगा।

 लखनऊ, 17 सितम्बर 2025: सुप्रीम कोर्ट द्वारा सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी (Teacher Eligibility Test) अनिवार्य करने के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। सरकार का कहना है कि पहले से नियुक्त शिक्षकों पर यह नियम लागू करना व्यावहारिक नहीं है और इससे हजारों शिक्षकों की नौकरी पर संकट आ सकता है।


📌 Source: Hindustan Newspaper (17 सितम्बर 2025)


📌 पृष्ठभूमि: 13 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि प्रदेश में सभी शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य होगा। इस फैसले से कार्यरत शिक्षकों में चिंता बढ़ गई थी और संगठनों ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी।


⚖️ सरकार की दलील: सेवा में कार्यरत शिक्षकों ने नियुक्ति के समय सभी योग्यताएं पूरी की थीं, इसलिए अब नए नियम थोपना अनुचित है। राज्य ने कोर्ट से आदेश पर पुनर्विचार कर राहत देने की मांग की है।


👩‍🏫 शिक्षकों की उम्मीदें: प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षक इस याचिका को लेकर आशान्वित हैं। उनका कहना है कि अगर कोर्ट पुनर्विचार करता है तो उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी और शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं होगा।


🚨 आगे क्या: सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगा। फैसला आने तक शिक्षकों और अभ्यर्थियों की निगाहें कोर्ट पर टिकी रहेंगी। यह मामला प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और भर्ती प्रक्रिया पर बड़ा असर डाल सकता है।



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यह समाचार मीडिया रिपोर्ट्स और अखबारों पर आधारित है। अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ही लिया जाएगा। जैसे ही आधिकारिक आदेश या कोर्ट का फैसला आता है, आर्टिकल अपडेट कर दिया जाएगा।

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