TET आदेश के बाद शिक्षकों के सामने विकल्प और उम्मीदें जिससे कुछ राहत की उम्मीद है
📌 सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश ने देशभर के शिक्षकों में हलचल मचा दी है। आदेश में कहा गया है कि अब सभी सेवारत व भावी शिक्षक के लिए TET (Teacher Eligibility Test) पास करना अनिवार्य होगा।---
⚖️ आदेश की मुख्य बातें
सभी शिक्षकों को TET पास करना होगा।
जिन शिक्षकों की सेवा अवधि (रिटायरमेंट तक) 5 वर्ष से कम बची है, उन्हें तुरंत से बाहर नहीं किया जाएगा।
ये आदेश पूर्णतया व्यावहारिक नहीं है। इतनी साल सर्विस करने के बाद शिक्षकों के साथ ये सब होना बिल्कुल भी उचित नहीं है।
राज्यों को आदेश लागू करने से पहले उचित व्यवस्था बनाने का समय दिया गया है।---
✍️ शिक्षकों के सामने विकल्प
1. Review Petition / पुनर्विचार याचिका
राज्य सरकारें और शिक्षक संगठन सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकते हैं।
मांग यह होगी कि पुराने शिक्षकों पर नए नियम पिछली तारीख से लागू करना न्यायसंगत नहीं है।
2. विशेष TET या राहत परीक्षा
संगठन सरकार से मांग कर सकते हैं कि पुराने शिक्षकों के लिए अलग परीक्षा या आसान व्यवस्था बने।
परीक्षा का सिलेबस हल्का हो, आवेदन प्रक्रिया सरल हो।
3. केंद्र सरकार से हस्तक्षेप
राज्य सरकारें केंद्र से अनुरोध कर सकती हैं कि एक राष्ट्रीय नीति बने।
ताकि पुराने शिक्षकों को न्यायसंगत राहत और समय मिल सके।
4. संगठित तैयारी और सहयोग
शिक्षक संगठन मुफ्त कोचिंग, ऑनलाइन क्लास और गाइडबुक उपलब्ध करा सकते हैं।
ताकि शिक्षक साथी परीक्षा की तैयारी आत्मविश्वास के साथ कर सकें।
5. सेवानिवृत्ति से पहले राहत
जिन शिक्षकों की सेवा अवधि 5 साल से कम है, उन्हें आदेश से फिलहाल राहत है।
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🌱 सकारात्मक संदेश शिक्षकों के लिए
मेरा सुझाव यही है शिक्षक भाई निराश न हो और पूरी लगन से इसका विरोध करे। जरूर ही कुछ सकारात्मक रास्ता निकलेगा।
लेकिन साथ साथ आगामी टेट की परीक्षा देते रहे आदेश जो भी हो।
शिक्षक साथियों,
यह सच है कि आदेश ने चिंता पैदा की है, लेकिन यह अंत नहीं, एक नई चुनौती है।
अतीत में भी शिक्षक संगठनों ने पुरानी पेंशन और कैशलेस इलाज जैसी माँगों पर सफलता पाई है।
आज भी संगठन और सरकारें इस आदेश के समाधान की दिशा में प्रयासरत हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि शिक्षा जगत की ताकत आप सब हैं।
👉 इसलिए घबराएँ नहीं, हिम्मत रखें, अफवाहों से बचें और संगठन के साथ मजबूती से खड़े रहें।
---
📢 निष्कर्ष
TET आदेश ने भले ही असमंजस पैदा किया हो, लेकिन अब भी कई विकल्प खुले हैं — पुनर्विचार याचिका, विशेष परीक्षा, राष्ट्रीय नीति और संगठित तैयारी।
शिक्षक समाज ने हमेशा चुनौतियों का सामना किया है, और इस बार भी समाधान निकलेगा।
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📌 सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश ने देशभर के शिक्षकों में हलचल मचा दी है। आदेश में कहा गया है कि अब सभी सेवारत व भावी शिक्षक के लिए TET (Teacher Eligibility Test) पास करना अनिवार्य होगा।---
⚖️ आदेश की मुख्य बातें
सभी शिक्षकों को TET पास करना होगा।
जिन शिक्षकों की सेवा अवधि (रिटायरमेंट तक) 5 वर्ष से कम बची है, उन्हें तुरंत से बाहर नहीं किया जाएगा।
ये आदेश पूर्णतया व्यावहारिक नहीं है। इतनी साल सर्विस करने के बाद शिक्षकों के साथ ये सब होना बिल्कुल भी उचित नहीं है।
राज्यों को आदेश लागू करने से पहले उचित व्यवस्था बनाने का समय दिया गया है।---
✍️ शिक्षकों के सामने विकल्प
1. Review Petition / पुनर्विचार याचिका
राज्य सरकारें और शिक्षक संगठन सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकते हैं।
मांग यह होगी कि पुराने शिक्षकों पर नए नियम पिछली तारीख से लागू करना न्यायसंगत नहीं है।
2. विशेष TET या राहत परीक्षा
संगठन सरकार से मांग कर सकते हैं कि पुराने शिक्षकों के लिए अलग परीक्षा या आसान व्यवस्था बने।
परीक्षा का सिलेबस हल्का हो, आवेदन प्रक्रिया सरल हो।
3. केंद्र सरकार से हस्तक्षेप
राज्य सरकारें केंद्र से अनुरोध कर सकती हैं कि एक राष्ट्रीय नीति बने।
ताकि पुराने शिक्षकों को न्यायसंगत राहत और समय मिल सके।
4. संगठित तैयारी और सहयोग
शिक्षक संगठन मुफ्त कोचिंग, ऑनलाइन क्लास और गाइडबुक उपलब्ध करा सकते हैं।
ताकि शिक्षक साथी परीक्षा की तैयारी आत्मविश्वास के साथ कर सकें।
5. सेवानिवृत्ति से पहले राहत
जिन शिक्षकों की सेवा अवधि 5 साल से कम है, उन्हें आदेश से फिलहाल राहत है।
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🌱 सकारात्मक संदेश शिक्षकों के लिए
मेरा सुझाव यही है शिक्षक भाई निराश न हो और पूरी लगन से इसका विरोध करे। जरूर ही कुछ सकारात्मक रास्ता निकलेगा।
लेकिन साथ साथ आगामी टेट की परीक्षा देते रहे आदेश जो भी हो।
शिक्षक साथियों,
यह सच है कि आदेश ने चिंता पैदा की है, लेकिन यह अंत नहीं, एक नई चुनौती है।
अतीत में भी शिक्षक संगठनों ने पुरानी पेंशन और कैशलेस इलाज जैसी माँगों पर सफलता पाई है।
आज भी संगठन और सरकारें इस आदेश के समाधान की दिशा में प्रयासरत हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि शिक्षा जगत की ताकत आप सब हैं।
👉 इसलिए घबराएँ नहीं, हिम्मत रखें, अफवाहों से बचें और संगठन के साथ मजबूती से खड़े रहें।
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📢 निष्कर्ष
TET आदेश ने भले ही असमंजस पैदा किया हो, लेकिन अब भी कई विकल्प खुले हैं — पुनर्विचार याचिका, विशेष परीक्षा, राष्ट्रीय नीति और संगठित तैयारी।
शिक्षक समाज ने हमेशा चुनौतियों का सामना किया है, और इस बार भी समाधान निकलेगा।
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