“महानिदेशक के आदेश के बावजूद: CL उपलब्ध होने पर भी शिक्षकों को अनुपस्थित माना जा रहा”

  महानिदेशक, विद्यालय शिक्षा ने हाल ही में अपनी बीएसए समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट किया था कि “यदि किसी शिक्षक के पास आकस्मिक अवकाश (CL) उपलब्ध है, तो उसकी अनुपस्थिति को अनुपस्थिति न मानकर उपलब्ध CL से समायोजित किया जाए। इस स्थिति में न तो वेतन काटा जाएगा और न ही रोका जाएगा।”

             


यह बिंदु बाद में समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से भी व्यापक रूप से प्रकाशित हुआ।

हकीकत

इसके बावजूद कई जगह यह आदेश लागू नहीं हो रहा। निरीक्षण या उपस्थिति जाँच के दौरान, यदि कोई शिक्षक विद्यालय में मौजूद नहीं मिलता और उसने पहले से CL आवेदन नहीं दिया है, तो उसे सीधे अनुपस्थित दर्ज कर दिया जाता है। जबकि नियम के अनुसार —

👉 अगर CL उपलब्ध है, तो भले ही आवेदन पहले न किया गया हो, अनुपस्थिति को CL में ही समायोजित किया जाना चाहिए।

शिक्षकों की आपत्ति

CL रहते हुए अनुपस्थित अंकित करना नियम-विरुद्ध है।

इससे दोहरी हानि होती है — CL भी व्यर्थ जाती है और वेतन भी प्रभावित होता है।

CL का प्रावधान इसलिए है कि शिक्षक आवश्यकतानुसार छुट्टी ले सकें, लेकिन जब उसका समुचित उपयोग न होने दिया जाए तो यह शिक्षक के अधिकारों का हनन है।

व्यावहारिक पक्ष


बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों पर केवल पढ़ाई की जिम्मेदारी नहीं है।


डेटा अपलोड

सर्वेक्षण

पोर्टल अपडेट

चुनाव और अन्य प्रशासनिक ड्यूटी

इन अतिरिक्त कार्यों के बीच हर बार समय रहते CL आवेदन करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं होता। इसीलिए महानिदेशक ने स्पष्ट किया था कि जहाँ CL उपलब्ध है, वहाँ अनुपस्थिति को छुट्टी ही माना जाए।


निष्कर्ष

शिक्षक समुदाय की मांग है कि महानिदेशक की बैठक में बताए गए इस निर्देश का हर स्तर पर पालन हो।

👉 जब तक CL उपलब्ध है, तब तक शिक्षक को अनुपस्थित मानना

 और वेतन रोकना दोनों ही अनुचित हैं।

  महानिदेशक, विद्यालय शिक्षा ने हाल ही में अपनी बीएसए समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट किया था कि “यदि किसी शिक्षक के पास आकस्मिक अवकाश (CL) उपलब्ध है, तो उसकी अनुपस्थिति को अनुपस्थिति न मानकर उपलब्ध CL से समायोजित किया जाए। इस स्थिति में न तो वेतन काटा जाएगा और न ही रोका जाएगा।”

             


यह बिंदु बाद में समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से भी व्यापक रूप से प्रकाशित हुआ।

हकीकत

इसके बावजूद कई जगह यह आदेश लागू नहीं हो रहा। निरीक्षण या उपस्थिति जाँच के दौरान, यदि कोई शिक्षक विद्यालय में मौजूद नहीं मिलता और उसने पहले से CL आवेदन नहीं दिया है, तो उसे सीधे अनुपस्थित दर्ज कर दिया जाता है। जबकि नियम के अनुसार —

👉 अगर CL उपलब्ध है, तो भले ही आवेदन पहले न किया गया हो, अनुपस्थिति को CL में ही समायोजित किया जाना चाहिए।

शिक्षकों की आपत्ति

CL रहते हुए अनुपस्थित अंकित करना नियम-विरुद्ध है।

इससे दोहरी हानि होती है — CL भी व्यर्थ जाती है और वेतन भी प्रभावित होता है।

CL का प्रावधान इसलिए है कि शिक्षक आवश्यकतानुसार छुट्टी ले सकें, लेकिन जब उसका समुचित उपयोग न होने दिया जाए तो यह शिक्षक के अधिकारों का हनन है।

व्यावहारिक पक्ष


बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों पर केवल पढ़ाई की जिम्मेदारी नहीं है।


डेटा अपलोड

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पोर्टल अपडेट

चुनाव और अन्य प्रशासनिक ड्यूटी

इन अतिरिक्त कार्यों के बीच हर बार समय रहते CL आवेदन करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं होता। इसीलिए महानिदेशक ने स्पष्ट किया था कि जहाँ CL उपलब्ध है, वहाँ अनुपस्थिति को छुट्टी ही माना जाए।


निष्कर्ष

शिक्षक समुदाय की मांग है कि महानिदेशक की बैठक में बताए गए इस निर्देश का हर स्तर पर पालन हो।

👉 जब तक CL उपलब्ध है, तब तक शिक्षक को अनुपस्थित मानना

 और वेतन रोकना दोनों ही अनुचित हैं।

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