ट्रेनिंग में हंगामा: बीईओ से मारपीट, पुलिस केस दर्ज ,पढ़िए पूरा मामला
📅 लखनऊ, 15 सितंबर 2025 – उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के हजरतगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय नरही के खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) कार्यालय में शनिवार को आयोजित विभागीय प्रशिक्षण के दौरान अचानक हंगामा मच गया।
आरोप है कि एक सहायक अध्यापिका और उसके परिचित ने बीईओ से मारपीट की, जिसमें उन्हें चोटें भी आई हैं।
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🔑 घटना की मुख्य बातें
जोन-3 के बीईओ प्रमेंद्र शुक्ला अपने कार्यालय में फाउंडेशनल लिटरेरी न्यूमेरिक (FLN) प्रशिक्षण में शामिल शिक्षकों के साथ बैठक कर रहे थे।
इस बैठक में निराला नगर प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापक सुष्मिता मिश्रा भी मौजूद थीं।
इसी दौरान अमरजीत मिश्रा, जो खुद को शिक्षिका का परिचित बता रहे थे, कार्यालय में पहुंचे।
अमरजीत ने बैठक में ही शिक्षिका के एरियर भुगतान का मुद्दा उठाया।
बीईओ के समझाने पर उन्होंने उनका कॉलर पकड़ लिया और जमीन पर पटक दिया।
मौके पर मौजूद अन्य शिक्षकों ने बीच-बचाव कर किसी तरह बीईओ को बचाया।
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📌 पुलिस और विभागीय कार्रवाई
इस घटना के बाद बीईओ प्रमेंद्र शुक्ला ने थाने में तहरीर दी।
पुलिस ने सहायक अध्यापक सुष्मिता मिश्रा और उनके परिचित अमरजीत मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
इसके अलावा बीईओ ने बीएसए (Basic Shiksha Adhikari) को पत्र लिखकर शिक्षिका के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी मांग की है।
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📌 असर और प्रतिक्रिया
इस घटना ने शिक्षा विभाग के भीतर अधिकारियों और शिक्षकों के बीच संबंधों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शिक्षकों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि इस तरह की घटनाएँ विभाग की छवि को नुकसान पहुँचा रही हैं।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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✅ निष्कर्ष
लखनऊ में हुई यह घटना दिखाती है कि विभागीय कार्यालयों में अनुशासन और सुरक्षा की कमी किस हद तक गंभीर नतीजे दे सकती है।
अब देखना होगा कि बेसिक शिक्षा विभाग इस मामले में आगे क्या कदम उठाता है और शिक्षिका तथा उनके परिचित पर कार्रवाई किस स्तर तक जाती है।
ऐसी घटनाएं बिल्कुल भी शोभनीय नहीं होती है। और समाज में 1 गलत संदेश डालती है।
📅 लखनऊ, 15 सितंबर 2025 – उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के हजरतगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय नरही के खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) कार्यालय में शनिवार को आयोजित विभागीय प्रशिक्षण के दौरान अचानक हंगामा मच गया।
आरोप है कि एक सहायक अध्यापिका और उसके परिचित ने बीईओ से मारपीट की, जिसमें उन्हें चोटें भी आई हैं।
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🔑 घटना की मुख्य बातें
जोन-3 के बीईओ प्रमेंद्र शुक्ला अपने कार्यालय में फाउंडेशनल लिटरेरी न्यूमेरिक (FLN) प्रशिक्षण में शामिल शिक्षकों के साथ बैठक कर रहे थे।
इस बैठक में निराला नगर प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापक सुष्मिता मिश्रा भी मौजूद थीं।
इसी दौरान अमरजीत मिश्रा, जो खुद को शिक्षिका का परिचित बता रहे थे, कार्यालय में पहुंचे।
अमरजीत ने बैठक में ही शिक्षिका के एरियर भुगतान का मुद्दा उठाया।
बीईओ के समझाने पर उन्होंने उनका कॉलर पकड़ लिया और जमीन पर पटक दिया।
मौके पर मौजूद अन्य शिक्षकों ने बीच-बचाव कर किसी तरह बीईओ को बचाया।
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📌 पुलिस और विभागीय कार्रवाई
इस घटना के बाद बीईओ प्रमेंद्र शुक्ला ने थाने में तहरीर दी।
पुलिस ने सहायक अध्यापक सुष्मिता मिश्रा और उनके परिचित अमरजीत मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
इसके अलावा बीईओ ने बीएसए (Basic Shiksha Adhikari) को पत्र लिखकर शिक्षिका के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी मांग की है।
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📌 असर और प्रतिक्रिया
इस घटना ने शिक्षा विभाग के भीतर अधिकारियों और शिक्षकों के बीच संबंधों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शिक्षकों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि इस तरह की घटनाएँ विभाग की छवि को नुकसान पहुँचा रही हैं।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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✅ निष्कर्ष
लखनऊ में हुई यह घटना दिखाती है कि विभागीय कार्यालयों में अनुशासन और सुरक्षा की कमी किस हद तक गंभीर नतीजे दे सकती है।
अब देखना होगा कि बेसिक शिक्षा विभाग इस मामले में आगे क्या कदम उठाता है और शिक्षिका तथा उनके परिचित पर कार्रवाई किस स्तर तक जाती है।
ऐसी घटनाएं बिल्कुल भी शोभनीय नहीं होती है। और समाज में 1 गलत संदेश डालती है।
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