सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद यूपी में टीईटी पर मचेगा घमासान, सरकार बना रही रणनीति, क्या होगा असर
सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में टीईटी (Teacher Eligibility Test) को लेकर हलचल तेज हो गई है। अदालत ने साफ कर दिया है कि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षक तभी सेवा में बने रहेंगे और पदोन्नति पा सकेंगे, जब वे टीईटी पास करेंगे। इस फैसले से प्रदेश के लाखों शिक्षकों में असमंजस की स्थिति है। लाखों शिक्षकों का भविष्य अंधेरे में जा सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश
1 सितंबर 2025 को आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देशभर में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य होगा।
👉 आदेश लागू होने के बाद, प्रदेश के हजारों शिक्षक अब नौकरी और पदोन्नति को लेकर चिंतित हैं।
---यूपी सरकार की तैयारी
प्रदेश सरकार इस फैसले से प्रभावित शिक्षकों को राहत देने के विकल्प तलाश रही है।
शिक्षा विभाग ने इस मामले में प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है।
न्याय विभाग से कानूनी राय ली जा रही है।
सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और अन्य राज्यों के रुख को परखने पर विचार कर रही है।
सरकार को बीच का रास्ता निकालना ही पड़ेगा।
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कितने शिक्षक होंगे प्रभावित?
शिक्षा विभाग के अनुमान के अनुसार, प्रदेश में डेढ़ लाख से अधिक शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक टीईटी पास नहीं किया है।
👉 यही वजह है कि इस मुद्दे पर सरकार गंभीर है और जल्द ही उच्चस्तरीय बैठक बुलाने वाली है।
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शिक्षकों की चिंता और मांग
शिक्षक संगठनों का कहना है कि 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम के तहत छूट दी गई थी।
अब वे चाहते हैं कि सरकार उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखे और यदि आवश्यक हो तो नियमों या अधिनियम में संशोधन कराए, ताकि पहले से कार्यरत शिक्षकों को राहत मिल सके।
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संभावित विकल्प जिन पर मंथन
1. सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करना
2. अन्य राज्यों की नीतियों और कानूनी पहल का अध्ययन करना
3. शिक्षा नियमों या अधिनियम में संशोधन पर विचार करना
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FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. सुप्रीम कोर्ट का आदेश कब आया?
👉 आदेश 1 सितंबर 2025 को आया है।
Q2. कितने शिक्षक प्रभावित होंगे?
👉 उत्तर प्रदेश में लगभग 1.5 लाख शिक्षक प्रभावित हो सकते हैं।
Q3. सरकार कब बैठक करेगी?
👉 शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है और जल्द ही शासन स्तर पर बैठक होगी।
Q4. क्या शिक्षकों को छूट मिल सकती है?
👉 सरकार पुनर्विचार याचिका या नियमों में बदलाव के जरिए राहत देने पर विचार कर रही है।
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निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रदेश के हजारों शिक्षकों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यूपी सरकार अगली बैठक में क्या रणनीति बनाती है और शिक्षकों को किस तरह की राहत देने की कोशिश करती है।
सरकार को हर हालत में शिक्षकों को मदद प्रदान की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में टीईटी (Teacher Eligibility Test) को लेकर हलचल तेज हो गई है। अदालत ने साफ कर दिया है कि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षक तभी सेवा में बने रहेंगे और पदोन्नति पा सकेंगे, जब वे टीईटी पास करेंगे। इस फैसले से प्रदेश के लाखों शिक्षकों में असमंजस की स्थिति है। लाखों शिक्षकों का भविष्य अंधेरे में जा सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश
1 सितंबर 2025 को आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देशभर में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य होगा।
👉 आदेश लागू होने के बाद, प्रदेश के हजारों शिक्षक अब नौकरी और पदोन्नति को लेकर चिंतित हैं।
---यूपी सरकार की तैयारी
प्रदेश सरकार इस फैसले से प्रभावित शिक्षकों को राहत देने के विकल्प तलाश रही है।
शिक्षा विभाग ने इस मामले में प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है।
न्याय विभाग से कानूनी राय ली जा रही है।
सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और अन्य राज्यों के रुख को परखने पर विचार कर रही है।
सरकार को बीच का रास्ता निकालना ही पड़ेगा।
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कितने शिक्षक होंगे प्रभावित?
शिक्षा विभाग के अनुमान के अनुसार, प्रदेश में डेढ़ लाख से अधिक शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक टीईटी पास नहीं किया है।
👉 यही वजह है कि इस मुद्दे पर सरकार गंभीर है और जल्द ही उच्चस्तरीय बैठक बुलाने वाली है।
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शिक्षकों की चिंता और मांग
शिक्षक संगठनों का कहना है कि 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम के तहत छूट दी गई थी।
अब वे चाहते हैं कि सरकार उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखे और यदि आवश्यक हो तो नियमों या अधिनियम में संशोधन कराए, ताकि पहले से कार्यरत शिक्षकों को राहत मिल सके।
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संभावित विकल्प जिन पर मंथन
1. सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करना
2. अन्य राज्यों की नीतियों और कानूनी पहल का अध्ययन करना
3. शिक्षा नियमों या अधिनियम में संशोधन पर विचार करना
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FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. सुप्रीम कोर्ट का आदेश कब आया?
👉 आदेश 1 सितंबर 2025 को आया है।
Q2. कितने शिक्षक प्रभावित होंगे?
👉 उत्तर प्रदेश में लगभग 1.5 लाख शिक्षक प्रभावित हो सकते हैं।
Q3. सरकार कब बैठक करेगी?
👉 शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है और जल्द ही शासन स्तर पर बैठक होगी।
Q4. क्या शिक्षकों को छूट मिल सकती है?
👉 सरकार पुनर्विचार याचिका या नियमों में बदलाव के जरिए राहत देने पर विचार कर रही है।
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निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रदेश के हजारों शिक्षकों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यूपी सरकार अगली बैठक में क्या रणनीति बनाती है और शिक्षकों को किस तरह की राहत देने की कोशिश करती है।
सरकार को हर हालत में शिक्षकों को मदद प्रदान की जानी चाहिए।
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