CTET अनिवार्य: GSTA ने दिल्ली CM से किया विरोध | Supreme Court Order 2025
GSTA ने किया विरोध: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इन-सर्विस शिक्षकों पर CTET अनिवार्यता लागू
👉 नई दिल्ली, 18 सितम्बर 2025 – Govt. Schools Teacher’s Association (GSTA) ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का विरोध किया है, जिसमें कहा गया है कि अब इन-सर्विस शिक्षकों को भी CTET (Central Teacher Eligibility Test) अनिवार्य रूप से पास करना होगा।
📌 GSTA का तर्क:
भर्ती नियम केवल नियुक्ति के समय लागू होते हैं, पहले से सेवा कर रहे शिक्षकों पर नई परीक्षा थोपना अनुचित है।
शिक्षक पहले ही सालाना प्रदर्शन समीक्षा, परीक्षाओं और निरीक्षणों से आंके जाते हैं।
CTET को फिर से देना शिक्षकों पर मानसिक दबाव डालता है।
किसी अन्य सरकारी सेवा में नियुक्ति के बाद ऐसी बाध्यता लागू नहीं होती।
📌 पूर्व अदालतों का हवाला:
Bombay High Court और Supreme Court के कुछ पुराने फैसलों का जिक्र किया गया है, जिनमें इन-सर्विस शिक्षकों को राहत दी गई थी।
GSTA ने मांग की है कि दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट में Review Petition दाखिल करे, जैसा कि पहले पुराने वाहनों पर बैन के मामले में किया गया था।
👉 GSTA का कहना है कि अगर CTET अनिवार्य किया गया तो हज़ारों इन-सर्विस शिक्षकों की नौकरी पर असर पड़ेगा और यह फैसला पूरी शिक्षा व्यवस्था में असंतोष फैला सकता है।
Source: Govt. Schools Teacher’s Association (GSTA), Delhi
GSTA ने किया विरोध: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इन-सर्विस शिक्षकों पर CTET अनिवार्यता लागू
👉 नई दिल्ली, 18 सितम्बर 2025 – Govt. Schools Teacher’s Association (GSTA) ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का विरोध किया है, जिसमें कहा गया है कि अब इन-सर्विस शिक्षकों को भी CTET (Central Teacher Eligibility Test) अनिवार्य रूप से पास करना होगा।
📌 GSTA का तर्क:
भर्ती नियम केवल नियुक्ति के समय लागू होते हैं, पहले से सेवा कर रहे शिक्षकों पर नई परीक्षा थोपना अनुचित है।
शिक्षक पहले ही सालाना प्रदर्शन समीक्षा, परीक्षाओं और निरीक्षणों से आंके जाते हैं।
CTET को फिर से देना शिक्षकों पर मानसिक दबाव डालता है।
किसी अन्य सरकारी सेवा में नियुक्ति के बाद ऐसी बाध्यता लागू नहीं होती।
📌 पूर्व अदालतों का हवाला:
Bombay High Court और Supreme Court के कुछ पुराने फैसलों का जिक्र किया गया है, जिनमें इन-सर्विस शिक्षकों को राहत दी गई थी।
GSTA ने मांग की है कि दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट में Review Petition दाखिल करे, जैसा कि पहले पुराने वाहनों पर बैन के मामले में किया गया था।
👉 GSTA का कहना है कि अगर CTET अनिवार्य किया गया तो हज़ारों इन-सर्विस शिक्षकों की नौकरी पर असर पड़ेगा और यह फैसला पूरी शिक्षा व्यवस्था में असंतोष फैला सकता है।
Source: Govt. Schools Teacher’s Association (GSTA), Delhi
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