राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने राज्यपाल से उठाया 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों का TET मुद्दा
लखनऊ। 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर लागू की गई TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) अनिवार्यता का विरोध लगातार तेज हो रहा है। इसी क्रम में आज राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रभारी एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेंद्र कुमार जी ने माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल से राजभवन में मुलाकात की।
बैठक में 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। महासंघ ने राज्यपाल से इस प्रकरण का यथोचित निराकरण सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया।
🔹 महासंघ की प्रतिबद्धता
महासंघ का कहना है कि –
2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर TET की अनिवार्यता थोपना अन्यायपूर्ण है।
संगठन इस ज्वलंत मुद्दे के समाधान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
शिक्षक बंधुओं को आश्वस्त किया गया है कि इस विषय को उचित निष्कर्ष तक पहुँचाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
🔹 पहले भी उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दे
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश ने पूर्व में भी शिक्षकों के हित में कई बड़े मुद्दे उठाए हैं, जिनमें प्रमुख हैं –
कैशलेस चिकित्सा सुविधा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मिलकर यह मांग रखी गई थी।
पुरानी पेंशन बहाली : 1 अप्रैल 2005 से पूर्व विज्ञप्ति पदों पर चयनित शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन लागू करने की मांग भी लगातार उठाई गई है।
✍️ महासंघ का संदेश
महासंघ ने सभी शिक्षकों से अपील की है कि वे संगठन पर विश्वास बनाए रखें।
👉 “कैशलेस चिकित्सा और पुरानी पेंशन की तरह ही TET अनिवार्यता प्रकरण का समाधान भी पूरी
जिम्मेदारी से कराया जाएगा।”
लखनऊ। 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर लागू की गई TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) अनिवार्यता का विरोध लगातार तेज हो रहा है। इसी क्रम में आज राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रभारी एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेंद्र कुमार जी ने माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल से राजभवन में मुलाकात की।
बैठक में 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। महासंघ ने राज्यपाल से इस प्रकरण का यथोचित निराकरण सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया।
🔹 महासंघ की प्रतिबद्धता
महासंघ का कहना है कि –
2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर TET की अनिवार्यता थोपना अन्यायपूर्ण है।
संगठन इस ज्वलंत मुद्दे के समाधान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
शिक्षक बंधुओं को आश्वस्त किया गया है कि इस विषय को उचित निष्कर्ष तक पहुँचाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
🔹 पहले भी उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दे
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश ने पूर्व में भी शिक्षकों के हित में कई बड़े मुद्दे उठाए हैं, जिनमें प्रमुख हैं –
कैशलेस चिकित्सा सुविधा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मिलकर यह मांग रखी गई थी।
पुरानी पेंशन बहाली : 1 अप्रैल 2005 से पूर्व विज्ञप्ति पदों पर चयनित शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन लागू करने की मांग भी लगातार उठाई गई है।
✍️ महासंघ का संदेश
महासंघ ने सभी शिक्षकों से अपील की है कि वे संगठन पर विश्वास बनाए रखें।
👉 “कैशलेस चिकित्सा और पुरानी पेंशन की तरह ही TET अनिवार्यता प्रकरण का समाधान भी पूरी
जिम्मेदारी से कराया जाएगा।”
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें