टीईटी अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार का अनुरोध, शिक्षकों को राहत की उम्मीद

 नई दिल्ली।

अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट से शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की अनिवार्यता को लेकर पुनर्विचार की गुहार लगाई है। संगठन का कहना है कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति 23 अगस्त 2010 से पहले हुई थी, उनके लिए नई अनिवार्यता लागू नहीं होनी चाहिए।

                 


शिक्षक संघ का तर्क है कि RTE कानून लागू होने से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को बिना TET के भी मान्यता मिली थी। ऐसे में उन्हें नई शर्तों से बाहर रखा जाए। याचिका में कहा गया कि 23 अगस्त 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों की संख्या लाखों में है और वे वर्षों से सेवा दे रहे हैं। यदि उन पर TET की अनिवार्यता थोप दी जाती है तो उनके जीवनयापन और अधिकार प्रभावित होंगे।


संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जाए और पुराने नियुक्त शिक्षकों को राहत दी जाए।



Source- jagran dainik akhbar 

 नई दिल्ली।

अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट से शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की अनिवार्यता को लेकर पुनर्विचार की गुहार लगाई है। संगठन का कहना है कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति 23 अगस्त 2010 से पहले हुई थी, उनके लिए नई अनिवार्यता लागू नहीं होनी चाहिए।

                 


शिक्षक संघ का तर्क है कि RTE कानून लागू होने से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को बिना TET के भी मान्यता मिली थी। ऐसे में उन्हें नई शर्तों से बाहर रखा जाए। याचिका में कहा गया कि 23 अगस्त 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों की संख्या लाखों में है और वे वर्षों से सेवा दे रहे हैं। यदि उन पर TET की अनिवार्यता थोप दी जाती है तो उनके जीवनयापन और अधिकार प्रभावित होंगे।


संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जाए और पुराने नियुक्त शिक्षकों को राहत दी जाए।



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